कन्याकुमारी देवी मंदिर, (Kanyakumari Devi Temple)
कन्याकुमारी प्वांइट को इंडिया का सबसे निचला हिस्सा माना जा है। यहां समुद्र तट पर ही कुमारी देवी का मंदिर है। यहां मां पार्वती के कन्या रूप को पूजा जाता है। यह देश में एकमात्र ऐसी जगह है जहां मंदिर में प्रवेश करने के लिए पुरूषों को कमर से ऊपर के क्लॉथ्स उतारने होंगे।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर देवी का विवाह संपन्न न हाे पाने के कारण बचे हुए दाल-चावन बाद में कंकड़-पत्थर बन गए। कहा जाता है इसलिए ही कन्याकुमारी के बीच या रेत में दाल और चावल के रंग-रूप वाले कंकड़ बहुत मिलते हैं। आश्चर्य भरा सवाल तो यह भी है कि ये कंकड़-पत्थर दाल या चावल के आकार जितने ही देखे जा सकते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य : यदि आप मंदिर दर्शन को गए हैं तो यहां सूर्योदय और सूर्यास्त भी देखें। कन्याकुमारी अपने ‘सनराइज’ दृश्य के लिए काफी प्रसिद्ध है। सुबह हर विश्रामालय की छत पर टूरिस्टों की भारी भीड़ सूरज की अगवानी के लिए जमा हो जाती है। शाम को अरब सागर में डूबते सूरज को देखना भी यादगार होता है। उत्तर की ओर करीब 2-3 किलोमीटर दूर एक सनसेट प्वॉइंट भी यहां है।
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